Friday, July 23, 2021

मॉनसून 

 बारिश की सुबह का हल्का खुमार 

छोटे छोटे पैरो के निशानों में मद्धम 

बस्ता टांग, छाता लगा 
पगडण्डी पर, कभी चल, कभी थम 

कोहरे की चादर में नहाकर फिर गीले 
जूतों में पानी का झरना बहा 

बचपन की यादों और झगड़ों की बातें 
अलसाई शामों का किस्सा बना 

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